New Delhi| भारत-ओमान मुक्त व्यापार समझौता वस्त्र, खाद्य प्रसंस्करण, ऑटोमोबाइल, रत्न एवं आभूषण, कृषि रसायन, नवीकरणीय ऊर्जा और ऑटो कंपोनेंट्स सहित कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण अवसर खोलता है। यह बात केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज मस्कट में आयोजित भारत-ओमान व्यापार मंच को संबोधित करते हुए कही। श्री गोयल ने खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी), पूर्वी यूरोप, मध्य एशिया और अफ्रीका के प्रवेश द्वार के रूप में ओमान की रणनीतिक स्थिति को रेखांकित किया, जो भारतीय व्यवसायों के लिए बेहतर बाजार पहुंच प्रदान करती है।

ओमान के वाणिज्य, उद्योग और निवेश संवर्धन मंत्री श्री कैस अल यूसुफ ने अपने संबोधन में कहा कि भारत ओमान का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बनकर उभरा है और ओमान विभिन्न रणनीतिक क्षेत्रों में भारतीय निवेश के लिए एक महत्वपूर्ण गंतव्य बना हुआ है। उन्होंने कहा कि 2020 से ओमान में भारतीय निवेश तीन गुना से अधिक बढ़कर 5 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है, जो हरित इस्पात, हरित अमोनिया, एल्युमीनियम निर्माण और रसद जैसे क्षेत्रों में फैला हुआ है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि ये निवेश दीर्घकालिक परिचालन आधार के रूप में ओमान में भारत के विश्वास को दर्शाते हैं।

श्री गोयल ने दोनों देशों के बीच होने वाले आगामी मुक्त व्यापार समझौते को द्विपक्षीय संबंधों में एक निर्णायक उपलब्धि बताते हुए कहा कि यह लगभग दो दशकों में ओमान द्वारा किया जाने वाला पहला मुक्त व्यापार समझौता होगा। उन्होंने दोनों देशों के बीच सदियों पुराने समुद्री संबंधों का स्‍मरण किया, जिसमें लोथल जैसे बंदरगाहों के माध्यम से ऐतिहासिक व्यापारिक आदान-प्रदान शामिल हैं, जो भारत-ओमान संबंधों की अटूट प्रकृति को रेखांकित करता है।

मंत्री महोदय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की आगामी ओमान यात्रा दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे होने के जश्‍न के समय हो रही है। उन्होंने भारत द्वारा 2023 में जी20 की अध्यक्षता के दौरान ओमान को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित करने के निर्णय का स्‍मरण कराया, जो दोनों देशों के बीच मजबूत पारस्‍परिक विश्वास और रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक है।

श्री गोयल ने पेशेवर सेवाओं, लेखांकन, बिजनेस प्रोसेस रि-इंजीनियरिंग, अनुसंधान एवं विकास, पर्यटन, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा जैसी सेवाओं में सहयोग की क्षमता को भी रेखांकित किया। उन्होंने भावी सहयोग के लिए चार व्यापक क्षेत्रों की पहचान की: ऊर्जा संक्रमण, जिसमें हरित हाइड्रोजन और नवीकरणीय ऊर्जा शामिल हैं; अवसंरचना विकास, जिसमें बंदरगाह और बहुआयामी लॉजिस्टिक्स शामिल हैं; कोल्ड चेन और फूड पार्क के माध्यम से खाद्य सुरक्षा; तथा स्टार्टअप इकोसिस्टम के बीच सहयोग, विशेष रूप से डीप टेक, लॉजिस्टिक्स और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के क्षेत्र में।

युवा-नेतृत्व वाले विकास पर साझा जोर का उल्लेख करते हुए मंत्री महोदय ने भारत के विकसित भारत 2047 के विजन और ओमान के विजन 2040 के बीच समानता को उजागर किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों में युवा ऊर्जा और उद्यमशीलता की भावना दीर्घकालिक आर्थिक सहयोग के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करती है।

श्री गोयल ने विश्वास व्यक्त किया कि विश्वास, साझा इतिहास और पूरक क्षमताओं पर बनी भारत-ओमान साझेदारी विकास के एक नए चरण में प्रवेश करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के व्यवसाय, विश्वसनीय साझेदार के रूप में एक साथ काम करते हुए, मजबूत द्विपक्षीय संबंधों से पैदा होने वाले अवसरों का पूरा लाभ उठा सकते हैं।

By Pooja Patel

प्रोड्यूसर एंड सब एडिटर डेली हिन्दी मिलाप हैदराबाद, दैनिक भास्कर, नई दुनिया, भास्कर भूमि, राजस्थान पत्रिका में 14 वर्ष का कार्यानुभव

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